Semiconductor Fab : आधुनिक युग में, सेमीकंडक्टर चिप्स हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं। इन चिप्स का उपयोग कंप्यूटर, स्मार्टफोन, कारों, और चिकित्सा उपकरणों सहित लगभग हर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में किया जाता है। भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार है, इन चिप्स के लिए काफी हद तक विदेशी निर्माताओं पर निर्भर है।

Semiconductor Fab

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भारत का पहला सेमीकंडक्टर फैब:

Semiconductor Fab : भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार, सेमीकंडक्टर चिप्स के लिए काफी हद तक विदेशी निर्माताओं पर निर्भर है। इस निर्भरता को कम करने के लिए, भारत सरकार ने 2022 में भारत का पहला सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी। यह फैब टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा बनाया जा रहा है और 2026 में उत्पादन शुरू करने की उम्मीद है।

Tata Group का लक्ष्य :

Semiconductor Fab : टाटा समूह का लक्ष्य 2026 तक भारत को पहले सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई तैयार करके देना है यह सेमीकंडक्टर इकाई भारत को एक नई उपलब्धि पर लेकर जायेगा,जिसमें सुरक्षा प्रणालियों, बिजली उत्पादन प्रौद्योगिकी वाले चिप्स में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा | टाटा इलेक्ट्रॉनिक कंपनी के समूह के अध्यक्ष एन चंद्रशेखर एन ने कहा कि असम में सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई का संयंत्र 28 नैनोमीटर से शुरू होने वाले सेमीकंडक्टर चिप्स के उत्पादन के साथ शुरू होगा |

उन्होंने कहा कि यह संयंत्र 2025 या 2026 तक सेमीकंडक्टर चिप्स उत्पादन शुरू कर देगा सेमीकंडक्टर चिप्स का उत्पादन भारत को आटोमोटिव बिजली इलेक्ट्रॉनिक और चिकित्सा के विभिन्न क्षेत्रों में सेवा प्रदान करेगा |
टाटा इलेक्ट्रॉनिक और ताइवान के पावर चिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प के बीच साझेदारी हुई है

सेमीकंडक्टर राष्ट्र :

Semiconductor Fab : टाटा प्रमुख ने कहा कि वैश्विक महामारी लॉकडाउन के दौरान सेमीकंडक्टर चिप की कमी ने अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं पर भारत की निर्भरता को बढ़ा दिया है, उन्होंने कहा कि घरेलू सेमीकंडक्टर उद्योग कई उद्योगों में एक निर्णायक भूमिका निभाएगा।

चन्द्रशेखरन ने कहा, ”भारत के लिए सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनना बहुत महत्वपूर्ण है।”

फैब की विशेषताएं:

  • स्थान: धोलेरा, गुजरात
  • तकनीक: 28 नैनोमीटर (nm)
  • उत्पादन क्षमता: प्रति माह 50,000 वेफर
  • रोजगार: 2,000 से अधिक लोगों को रोजगार
  • निवेश : लगभग ₹1.25 ट्रिलियन
फैब का महत्व:
  • आत्मनिर्भरता: यह फैब भारत को सेमीकंडक्टर चिप्स के लिए आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग: यह भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा देगा।
  • रोजगार: यह भारत में रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
  • रणनीतिक महत्व: यह फैब भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश को सेमीकंडक्टर चिप्स की आपूर्ति श्रृंखला में अधिक नियंत्रण देगा।
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भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग का इतिहास:

Semiconductor Fab : भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग का इतिहास 1960 के दशक में शुरू हुआ। उस समय, भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की थीं। इन पहलों में से एक सेमीकंडक्टर उद्योग की स्थापना थी।

1970 के दशक में, भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर फैब बनाने के लिए कई विदेशी कंपनियों के साथ समझौते किए। इन कंपनियों में शामिल हैं:

  • Texas Instruments
  • Motorola
  • National Semiconductor

इन कंपनियों ने भारत में सेमीकंडक्टर फैब स्थापित किए और भारत को सेमीकंडक्टर चिप्स का उत्पादन करने में मदद की।

भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग का इतिहास: 1980

Semiconductor Fab: 1980 के दशक में, भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। इन योजनाओं में शामिल हैं:

  • Very Large Scale Integration (VLSI) Project
  • National Microelectronics Council (NMEC)

इन योजनाओं ने भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग का इतिहास: 1990

Semiconductor Fab :1990 के दशक में, भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग का निजीकरण हुआ। कई निजी कंपनियों ने भारत में सेमीकंडक्टर फैब स्थापित किए। इन कंपनियों में शामिल हैं:

  • Wipro
  • TCS
  • HCL

इन कंपनियों ने भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग का इतिहास: 2000

Semiconductor Fab: 2000 के दशक में, भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग तेजी से विकसित हुआ। कई विदेशी कंपनियों ने भारत में सेमीकंडक्टर फैब स्थापित किए। इन कंपनियों में शामिल हैं:

  • Intel
  • Samsung
  • Globalfoundries

इन कंपनियों ने भारत को सेमीकंडक्टर चिप्स का एक प्रमुख उत्पादक बना दिया।

भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग का इतिहास: 2010

Semiconductor Fab:2010 के दशक में, भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई नई पहल कीं। इन पहलों में शामिल हैं:

  • National Electronics Policy (NEP)
  • Digital India

इन पहलों ने भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास को गति दी।

भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग का इतिहास: 2020

Semiconductor Fab:2020 के दशक में, भारत सरकार ने भारत में सेमीकंडक्टर फैब बनाने के लिए कई बड़ी कंपनियों के साथ समझौते किए। इन कंपनियों में शामिल हैं:

  • Taiwan Semiconductor Manufacturing Company (TSMC)
  • United Microelectronics Corporation (UMC)
  • Vedanta

इन कंपनियों के भारत में सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करने से भारत को सेमीकंडक्टर चिप्स के लिए आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष :

भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग का इतिहास एक लंबा और समृद्ध इतिहास है। भारत सरकार ने इस उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग का भविष्य उज्ज्वल है और यह भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

भारत का पहला सेमीकंडक्टर फैब एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत को सेमीकंडक्टर चिप्स के लिए आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा। यह फैब भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को भी बढ़ावा देगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

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