Refind oil जिसे रिफाइंड वेजिटेबल ऑयल भी कहा जाता है, वनस्पति तेलों का एक प्रकार है जिन्हें कई चरणों वाली प्रक्रिया के माध्यम से शुद्ध किया जाता है। यह तेल कई प्रकार की वनस्पति से बनाया जाता है जैसे सूरजमुखी का तेल, सोयाबीन का तेल, मूंगफली का तेल, सरसों का तेल, कनोला का तेल, राइस ब्रान ऑयल आदि।

Refind oil

रिफाइंड ऑयल

रिफाइंड तेल कैसे बनता है ?

Refind oil : किसी भी तेल को रिफाइंड करने के लिए कई तरह के केमिकल से मिलाए जाते हैं । उसमें 6 से 7 प्रकार के केमिकल से मिलाए जाते हैं । तेल को डबल रिफाइंड करने के लिए 12 से 13 केमिकल्स मिलाया जाता है । यह केमिकल्स ऑर्गेनिक नहीं होते हैं । यह केमिकल्स हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं । तेल को रिफाइंड करने के लिए कास्टिक सोडा , फास्फोरिक एसिड , और ब्लीचिंग क्लेज जेसे केमिकल्स का उपयोग किया जाता है ।

रिफाइंड तेल से शरीर को होने वाले नुकसान :

Refind oil : जो भी तेल होता है उसमें चिपचिपाहट होती है और यही चिपचिपापन तेल की खासियत होती है । जैसे ही तेल से चिपचिपापन निकाल दिया जाता है तो उसमें से फैटी एसिड भी निकल जाते हैं । फैटी एसिड्स हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है । हमारा शरीर सही तरीके से कम करें इसके लिए फैटी एसिड्स उपयोग माना जाता है । रिफाइंड तेल का नियमित उपयोग करने से जोड़ों का दर्द , कमर दर्द ,आंख और दिल की बीमारी की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है ।

दिल को सुरक्षित रखने के लिए HDL ( High Density Lipoprotein ) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जो की शुद्ध तेलों में पाया जाता है । शुद्ध तेल मतलब जिस तेल को रिफाइंड नहीं किया गया हो । अच्छी चिकनाहट दिल के लिए जरूरी है । और यह चिकनाहट रिफाइंड तेल से नहीं मिलती है । शुद्ध तेल खाने से ही हार्ट डिजीज के खतरे को दूर किया जा सकता है ।

रिफाइंड तेल में प्रोटीन नहीं होता :

Refind oil : शुद्ध तेलों में जो सुगंध होती है वह प्रोटीन होती है । तेल को जब रिफाइंड किया जाता है तो उसकी सुगंध निकल जाती है और यह सुगंध ही प्रोटीन होती है । शुद्ध तेलों में चार से पांच प्रकार के प्रोटीन पाए जाते हैं जबकि रिफाइंड तेल में कोई भी प्रोटीन नहीं बचता । और इस तरह सारे महत्वपूर्ण घटक रिफाइंड तेल में खत्म हो जाते हैं । हमारे शरीर को कुछ मात्रा में चिकनाहट और प्रोटीन की आवश्यकता होती है जो की रिफाइंड तेल हमें यह दे नहीं सकता । प्रोटीन की कमी से घुटने दुखना ,कमर में दर्द , हार्ट अटैक , पैरालिसिस और ब्रेन डैमेज जैसी बीमारियां हो सकती है ।

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स्किन लिए नुकसानदायक :

Refind oil : को जब प्रोसेस किया जाता है तब उसमें से चिकनाई को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाता है । चिकनाई रहित तेल का इस्तेमाल करने से स्किन में झुर्रियां , ड्राइनेस और पिंपल जैसी समस्या हो सकती है । यदि आप अपने खाने में 100% रिफाइंड तेल का इस्तेमाल करते हैं तो कम उम्र में स्किन में बुढ़ापे के लक्षण देखने को मिलते हैं ।

Refind oil की प्रक्रिया :
  • बीजों की सफाई: सबसे पहले, बीजों को धोया जाता है और उनमें से अशुद्धियाँ, जैसे कि धूल, मिट्टी, और पत्थर, हटा दिए जाते हैं।
  • प्रेसिंग: फिर बीजों को दबाकर उनसे तेल निकाला जाता है। इस प्रक्रिया को “एक्सपेलिंग” या “कोल्ड प्रेसिंग” भी कहा जाता है। इस चरण में प्राप्त तेल को “कच्चा तेल” या “क्रूड ऑयल” कहा जाता है।
  • गमिंग: कच्चे तेल में मौजूद गोंद (गम) को हटाने के लिए गमिंग नामक प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। गोंद तेल को चिपचिपा और बादलदार बनाते हैं।
  • न्यूट्रलाइजेशन: इस चरण में, तेल में मौजूद एसिड को क्षारीय पदार्थों (alkalis) के साथ प्रतिक्रिया करके हटा दिया जाता है। यह तेल की अम्लता को कम करता है और इसकी स्थिरता में सुधार करता है।
  • ब्लीचिंग: ब्लीचिंग प्रक्रिया में, तेल से रंग और वर्णक पदार्थों को हटा दिया जाता है। इसके लिए, हाइड्रोजन पेरोक्साइड या सोडियम हाइड्रोसल्फाइट जैसे रसायनों का उपयोग किया जाता है।
  • डीओडोराइजेशन: डीओडोराइजेशन प्रक्रिया में, तेल से अप्रिय गंध को हटा दिया जाता है। इसके लिए, तेल को गर्म किया जाता है और भाप के माध्यम से गुजारा जाता है।
  • विंटरिज़ेशन: कुछ तेलों, जैसे कि सोयाबीन तेल और सूरजमुखी के तेल, में ठंडे तापमान पर ठोस वसा जमा हो सकती है। विंटरिज़ेशन प्रक्रिया में, इन ठोस वसा को हटा दिया जाता है ताकि तेल कम तापमान पर भी तरल अवस्था में रहे।
  • पैकिंग: अंतिम चरण में, शुद्ध रिफाइंड ऑयल को बोतलों या अन्य पैकेजिंग में पैक किया जाता है और बिक्री के लिए तैयार किया जाता है।
Refind oil : का उपयोग करते समय ध्यान रखने योग्य बातें :

उच्च तापमान पर पकाने के लिए उपयुक्त: रिफाइंड ऑयल उच्च तापमान पर पकाने के लिए उपयुक्त होते हैं, जैसे कि तलना, डीप फ्राइंग, और बेकिंग।

सीमित मात्रा में उपयोग करें: रिफाइंड ऑयल में पोषक तत्वों की कमी होती है, इसलिए इनका उपयोग सीमित मात्रा में करें।

विभिन्न प्रकार के तेलों का उपयोग करें: रिफाइंड ऑयल के साथ-साथ अपरिष्कृत तेलों का भी उपयोग करें, जैसे कि जैतून का तेल, नारियल का तेल, और तिल का तेल, जो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।

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