Metro: 22 दिसंबर, 2023 को, कोलकाता में हुगली नदी के नीचे से गुजरने वाली मेट्रो लाइन 2 का उद्घाटन किया गया। यह भारत की पहली और दुनिया की दूसरी पानी के नीचे मेट्रो लाइन है। यह लाइन Howrah Maidan और Shyambazar के बीच 16.5 किलोमीटर की दूरी तय करती है और इसमें२ 12 स्टेशन हैं।

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कोलकाता में अंडरवाटर मेट्रो लाइन की शुरुआत: एक ऐतिहासिक घटना

Metro: इस लाइन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 मार्च 2024 को राष्ट्र को समर्पित करेगे । यह एक ऐतिहासिक घटना है जो न केवल कोलकाता शहर के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए महत्वपूर्ण है। यह लाइन हुगली नदी के नीचे से गुजरती है और हावड़ा को साल्ट लेक से जोड़ती है।

लाइन का महत्व:

Metro: यह लाइन कोलकाता के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ती है, जो पहले हुगली नदी पुलों पर भारी यातायात पर निर्भर थे। यह लाइन यात्रा के समय को काफी कम कर देगी और शहर में यातायात को कम करने में मदद करेगी। यह लाइन पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।

निर्माण:

Metro: इस लाइन का निर्माण 2010 में शुरू हुआ था और इसे 2023 में पूरा किया गया था। इस लाइन के निर्माण में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे कि नदी के तल में खुदाई करना और सुरंगों को पानी से बचाना।

तकनीकी विशेषताएं:

इस लाइन में कई तकनीकी विशेषताएं हैं, जैसे कि:

  • सुरंगों का निर्माण ‘डबल शील्ड टनलिंग’ तकनीक का उपयोग करके किया गया था।
  • सुरंगों को पानी से बचाने के लिए विशेष जलरोधी सामग्री का उपयोग किया गया था।
  • ट्रेनों में ‘Automatic Train Control’ (ATC) सिस्टम है, जो सुरक्षित और कुशल संचालन सुनिश्चित करता है।
पर्यावरणीय प्रभाव:

Metro: इस लाइन के निर्माण से कुछ पर्यावरणीय प्रभाव भी पड़े हैं, जैसे कि नदी के तल में गाद का जमा होना और जल प्रदूषण। इन प्रभावों को कम करने के लिए कई उपाय किए गए हैं, जैसे कि गाद को हटाना और जल उपचार संयंत्रों का निर्माण करना।

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कोलकाता मेट्रो लाइन 2: कुछ रोचक तथ्य
  • यह भारत की पहली और दुनिया की दूसरी पानी के नीचे मेट्रो लाइन है।
  • यह लाइन Howrah Maidan और Shyambazar के बीच 16.5 किलोमीटर की दूरी तय करती है।
  • इसमें 12 स्टेशन हैं, जिनमें से 3 स्टेशन भूमिगत हैं और 8 स्टेशन एलिवेटेड हैं।
  • इस लाइन का निर्माण ‘डबल शील्ड टनलिंग’ तकनीक का उपयोग करके किया गया था।
  • सुरंगों को पानी से बचाने के लिए विशेष जलरोधी सामग्री का उपयोग किया गया था।
  • ट्रेनों में ‘Automatic Train Control’ (ATC) सिस्टम है, जो सुरक्षित और कुशल संचालन सुनिश्चित करता है।
  • इस लाइन का निर्माण भारत सरकार और जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में किया गया था।
  • इस लाइन के निर्माण की लागत लगभग 4,600 करोड़ रुपये है।
  • यह लाइन प्रतिदिन लगभग 10 लाख यात्रियों को ले जाने की क्षमता रखती है।
यात्रा के समय में कमी:

Metro: इस लाइन के शुरू होने से Howrah और Kolkata के बीच यात्रा के समय में काफी कमी आई है। पहले, Howrah से Kolkata जाने में लगभग 1 घंटा लगता था, लेकिन अब यह लाइन केवल 20 मिनट में यात्रा पूरी कर लेती है।

यातायात में कमी:

Metro: इस लाइन के शुरू होने से Kolkata में यातायात में भी काफी कमी आई है। पहले, Howrah Bridge और Vidyasagar Setu पर भारी यातायात होता था, लेकिन अब यह लाइन इन पुलों से यातायात का बोझ कम कर रही है।

पर्यटन को बढ़ावा:

Metro: इस लाइन के शुरू होने से Kolkata में पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है। यह लाइन Kolkata के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों, जैसे कि Victoria Memorial, Indian Museum, और Maidan को जोड़ती है।

भीड़भाड़ में कमी:

यह लाइन सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करेगी। इससे लोगों को यात्रा में कम समय लगेगा और सड़कों पर प्रदूषण भी कम होगा।

आर्थिक विकास:

यह लाइन शहर में आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। यह लाइन शहर के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ेगी और लोगों के लिए नौकरी और व्यापार के नए अवसर पैदा करेगी।

लाभ:
  • यह लाइन हावड़ा और साल्ट लेक के बीच यात्रा के समय को 45 मिनट से कम कर देगी।
  • यह सड़कों पर भीड़भाड़ कम करेगा और प्रदूषण को कम करेगा।
  • यह शहर में आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
  • यह भारत में मेट्रो रेल के विकास के लिए एक नया अध्याय शुरू करेगा।
चुनौतियां:
  • इस लाइन का निर्माण एक बड़ी चुनौती थी, खासकर हुगली नदी के नीचे सुरंग का निर्माण।
  • लाइन के संचालन और रखरखाव में भी चुनौतियां होंगी, खासकर सुरक्षा के मामले में।
अंडरवाटर मेट्रो कॉरिडोर के भविष्य के लिए कुछ सुझाव:
  • सुरक्षा:

इस लाइन में आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करना चाहिए। सुरक्षा कर्मियों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

  • रखरखाव:

इस लाइन के रखरखाव के लिए एक विशेष योजना तैयार करनी होगी। लाइन के रखरखाव के लिए विशेषज्ञों की टीम बनानी होगी।

  • पर्यावरण:

इस लाइन के निर्माण और संचालन के दौरान पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने के लिए विशेष उपाय किए जाने चाहिए।

अतिरिक्त जानकारी:

इस लाइन के उद्घाटन के साथ, कोलकाता दुनिया के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है जिनके पास पानी के नीचे मेट्रो लाइनें हैं, जैसे कि लंदन, न्यूयॉर्क, और टोक्यो।

इस लाइन का निर्माण भारत सरकार और जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में किया गया था।

यह लाइन न केवल शहर के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन संपत्ति है, बल्कि यह एक पर्यटक आकर्षण भी बन गई है।

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