Email: ईमेल (Electronic Mail) आज के समय में हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। चाहे ऑफिस का काम हो, किसी मित्र से संपर्क करना हो, या फिर किसी आधिकारिक दस्तावेज़ का आदान-प्रदान, ईमेल के बिना यह सब अधूरा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस सुविधा की खोज किसने की थी? आइए, इस ब्लॉग में हम ईमेल की खोज, इसके विकास और उन लोगों के योगदान पर नज़र डालते हैं जिन्होंने इस तकनीक को हमारे हाथों में पहुंचाया।
ईमेल की खोज किसने की थी?
Email: ईमेल की खोज का श्रेय अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक रे टॉमलिंसन (Ray Tomlinson) को दिया जाता है, जिन्होंने 1971 में इसे विकसित किया था। उस समय, इंटरनेट जैसी कोई चीज़ नहीं थी, बल्कि एक नेटवर्क था जिसे ARPANET कहा जाता था, जो अमेरिकी रक्षा विभाग की एक परियोजना थी।
रे टॉमलिंसन ने ARPANET का उपयोग करके पहली बार एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर संदेश भेजा। उनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान यह था कि उन्होंने @ (एट) सिंबल का इस्तेमाल किया, जिसे आज भी ईमेल एड्रेस में प्रयोग किया जाता है। @ का उपयोग यह बताने के लिए किया जाता है कि संदेश को किस कंप्यूटर (डोमेन) पर भेजा जाना है। उन्होंने पहले ईमेल के रूप में अपने आप को एक साधारण संदेश भेजा था, हालांकि वह यह संदेश क्या था, यह उन्हें खुद भी याद नहीं।
ईमेल का विकास :
Email: रे टॉमलिंसन के बाद, ईमेल तकनीक का लगातार विकास होता रहा। 1970 और 1980 के दशक में, ईमेल एक नेटवर्क पर संचार का प्रमुख साधन बन गया। हालांकि शुरुआती ईमेल सिस्टम में बहुत सीमाएं थीं, लेकिन समय के साथ इसमें कई सुधार हुए। 1980 के दशक में, ईमेल का उपयोग व्यावसायिक और शैक्षिक संस्थानों में तेजी से बढ़ा, और धीरे-धीरे यह एक आम संचार माध्यम बन गया।
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भारतीय वैज्ञानिक शिव अय्यादुरई का योगदान :
Email: 1978 में, भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक शिव अय्यादुरई ने एक ईमेल प्रणाली विकसित की, जिसे उन्होंने “EMAIL” नाम दिया। वह उस समय न्यू जर्सी के यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन एंड डेंटिस्ट्री में काम कर रहे थे। अय्यादुरई का ईमेल सिस्टम एक पेपर-आधारित इंटरऑफिस मेल सिस्टम की तरह काम करता था, जिसमें इनबॉक्स, आउटबॉक्स, मेमो, और फोल्डर जैसी सुविधाएं शामिल थीं। हालांकि उनका सिस्टम एक महत्वपूर्ण कदम था, लेकिन यह आधुनिक ईमेल की शुरुआत के रूप में नहीं देखा जाता, क्योंकि रे टॉमलिंसन का ईमेल प्रोटोकॉल पहले से ही अस्तित्व में था।
अय्यादुरई का दावा है कि उन्होंने ईमेल की खोज की थी, लेकिन तकनीकी जगत में यह माना जाता है कि रे टॉमलिंसन ने सबसे पहले ईमेल के विचार और इसके बुनियादी प्रोटोकॉल की नींव रखी थी। शिव अय्यादुरई का योगदान ईमेल को एक संगठित प्रणाली बनाने में अधिक था।
भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक शिव अय्यादुराई को ईमेल के शुरुआती विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने 1978 में एक छात्र के रूप में एक ईमेल प्रोग्राम बनाया था जिसे उन्होंने “इंटरनेट पोस्ट ऑफिस” नाम दिया था। यह प्रोग्राम कई मायनों में आधुनिक ईमेल सिस्टम का पूर्वज माना जाता है।
ईमेल कैसे बदल गया ?
Email: 1980 और 1990 के दशक में, इंटरनेट की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, ईमेल भी एक मुख्यधारा का साधन बन गया। ईमेल क्लाइंट्स जैसे कि Microsoft Outlook, Yahoo Mail, और Gmail ने ईमेल को और भी सुलभ और उपयोगकर्ता के अनुकूल बना दिया। 2000 के दशक में, स्मार्टफोन्स के आगमन के साथ, ईमेल एक ऐसे माध्यम में बदल गया जिसे हम कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं।
ईमेल का महत्व :
Email: आज, ईमेल केवल व्यक्तिगत संदेशों का आदान-प्रदान करने का साधन नहीं है, बल्कि यह व्यापार, सरकारी संचार, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ईमेल के बिना आधुनिक संचार तंत्र की कल्पना करना कठिन है।
ईमेल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह न केवल तेज़ है, बल्कि इसमें संदेशों को सुरक्षित तरीके से भेजने और प्राप्त करने की क्षमता है। इसके अलावा, यह संवाद को रिकॉर्ड करने और सहेजने का भी एक प्रभावी माध्यम है।
ईमेल की खोज की कहानी यह दर्शाती है कि कैसे वैज्ञानिक और शोधकर्ता लगातार काम कर रहे हैं ताकि हमारी ज़िंदगी आसान और अधिक सुविधाजनक हो सके। रे टॉमलिंसन का योगदान इस क्षेत्र में सबसे अहम है, क्योंकि उन्होंने उस प्रणाली की नींव रखी जो आज भी इस्तेमाल की जा रही है। साथ ही, शिव अय्यादुरई जैसे वैज्ञानिकों ने ईमेल प्रणाली को और बेहतर और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने में अहम भूमिका निभाई।