Discovery of Electricity: बिजली, जो आज हमारे जीवन का अभिन्न अंग है, इसकी खोज मानव सभ्यता के इतिहास में एक क्रांतिकारी क्षण था। सदियों से, बिजली प्रकृति का एक रहस्यमय और भयानक शक्ति के रूप में देखी जाती थी, जो तूफानों में चमकती और गरजती थी। लेकिन धीरे-धीरे, वैज्ञानिकों ने इस शक्ति को समझना और उसका उपयोग करना शुरू किया, जिससे दुनिया में क्रांति आ गई।

Discovery of Electricity

प्रारंभिक अवधारणाएं:

Discovery of Electricity: प्राचीन काल से ही, विभिन्न सभ्यताओं ने बिजली के साथ अपने अनुभवों का वर्णन किया है। प्राचीन यूनानी दार्शनिक अरस्तू ने बिजली को “आकाश से आग” बताया था। 17वीं शताब्दी में, जर्मन वैज्ञानिक ओटो वॉन ग्युरिक ने “इलेक्ट्रोस्टैटिक मशीन” का आविष्कार किया, जो घर्षण द्वारा स्थिर बिजली उत्पन्न करने वाला पहला उपकरण था।

ओटो-वॉन-ग्युरिक

ओटो वॉन ग्युरिक

17वीं शताब्दी:

Discovery of Electricity: 17वीं शताब्दी में, जर्मन वैज्ञानिक ओटो वॉन ग्युरिक ने “इलेक्ट्रोस्टैटिक मशीन” का आविष्कार किया, जो घर्षण द्वारा स्थिर बिजली उत्पन्न करने वाला पहला उपकरण था।

ओटो वॉन ग्युरिक, 17वीं शताब्दी के जर्मन वैज्ञानिक, जिन्हें “इलेक्ट्रोस्टैटिक मशीन” के आविष्कारक के रूप में जाना जाता है, उन्होंने विज्ञान जगत में क्रांति लाने वाले कई प्रयोग किए। उनके प्रयोगों में से एक, जो शायद कम ही लोगों को पता होगा, वह है “इलेक्ट्रिफाइड फिश” का प्रयोग।

मछली का विद्युत स्नान:

ग्युरिक ने एक बड़े ग्लास के कटोरे में पानी भरकर उसमें एक जीवित मछली रखी। फिर उन्होंने अपनी इलेक्ट्रोस्टैटिक मशीन को कटोरे के ऊपर रखा और मछली के शरीर से जुड़े धातु के तारों के माध्यम से विद्युत प्रवाह प्रवाहित किया।

मछली का नृत्य:

Discovery of Electricity: जैसे ही विद्युत प्रवाह शुरू हुआ, मछली अजीबोगरीब तरीके से थिरकने लगी। उसके शरीर में विद्युत आवेगों के कारण मांसपेशियां सिकुड़ रही थीं, जिससे वह अनियंत्रित रूप से हिल रही थी। दर्शक इस अद्भुत दृश्य को देखकर हतप्रभ थे, कुछ डर गए थे, तो कुछ मंत्रमुग्ध थे।

वैज्ञानिक व्याख्या:

यह प्रयोग मछली की तंत्रिका तंत्र पर विद्युत प्रवाह के प्रभाव को दर्शाता है। विद्युत आवेगों ने मछली की मांसपेशियों को उत्तेजित किया, जिससे अनैच्छिक गति पैदा हुई।

बेंजामिन-फ्रैंकलिन

बेंजामिन फ्रैंकलिन

18वीं शताब्दी:

Discovery of Electricity: 18वीं शताब्दी में, अमेरिकी वैज्ञानिक और राजनेता बेंजामिन फ्रैंकलिन ने बिजली की प्रकृति को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1752 में, उन्होंने एक प्रसिद्ध प्रयोग किया जिसमें उन्होंने एक पतंग को धातु की छड़ से जोड़ा और उसे गरज वाले तूफान में उड़ाया। जब बिजली पतंग से टकराई, तो यह छड़ से नीचे उतरी और एक Leyden जार में जमा हो गई, जो विद्युत ऊर्जा को स्टोर करने वाला उपकरण था। इस प्रयोग ने साबित कर दिया कि बिजली और स्थिर बिजली एक ही शक्ति के दो रूप हैं।

एलेसेंड्रो वोल्टा  और थॉमस एडिसन

एलेसेंड्रो वोल्टा और थॉमस एडिसन

19वीं शताब्दी:

Discovery of Electricity: 19वीं शताब्दी में, वैज्ञानिकों ने बिजली के व्यावहारिक अनुप्रयोग विकसित करना शुरू किया। 1800 में, इतालवी वैज्ञानिक एलेसेंड्रो वोल्टा ने “वोल्टिक पाइल” का आविष्कार किया, जो पहली बैटरी थी। इसने बिजली को लगातार प्रवाह में उत्पन्न करना संभव बनाया। 1879 में, थॉमस एडिसन ने “विद्युत प्रकाश बल्ब” का आविष्कार किया, जिसने दुनिया को रोशन करना शुरू कर दिया।

अनसुना किस्सा : Discovery of Electricity

थॉमस एडिसन, जिन्हें “विद्युत प्रकाश बल्ब” के आविष्कारक के रूप में जाना जाता है, उन्होंने अनेक प्रयोग किए और अनेक आविष्कार किए। इनमें से एक अनसुना किस्सा है “प्रकाश बल्ब का 40 घंटे का परीक्षण”।

40 घंटे का महासंग्राम:

1879 में, एडिसन और उनकी टीम ने एक ऐसे प्रकाश बल्ब का निर्माण किया जो 40 घंटे तक लगातार जलने में सक्षम था। यह उस समय एक अभूतपूर्व उपलब्धि थी, क्योंकि पहले के बल्ब केवल कुछ ही मिनटों या घंटों तक टिकते थे।

परीक्षण का माहौल:

एडिसन ने न्यूयॉर्क शहर में अपनी प्रयोगशाला में इस 40 घंटे के परीक्षण का आयोजन किया। उन्होंने मीडिया और आम जनता को इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए आमंत्रित किया।

रोमांच और उत्सुकता:

जैसे-जैसे घंटे बीतते गए, दर्शकों में उत्सुकता और तनाव बढ़ता गया। क्या बल्ब 40 घंटे तक टिक पाएगा? यह सवाल सभी के मन में था।

विजय का क्षण:

40 घंटे पूरे होने के बाद भी, बल्ब जलता रहा। दर्शकों ने तालियां बजाईं और जयकारे लगाए। एडिसन और उनकी टीम खुशी से झूम उठे। यह क्षण इतिहास में दर्ज हो गया, जब मानव जाति ने कृत्रिम प्रकाश की क्रांति का अनुभव किया।

परीक्षण का महत्व:

यह परीक्षण न केवल एडिसन के आविष्कार की सफलता का प्रमाण था, बल्कि यह दर्शकों को यह भी दिखाता था कि विद्युत प्रकाश बल्ब एक विश्वसनीय और व्यावहारिक प्रकाश स्रोत हो सकता है।

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एलेसेंड्रो-वोल्टा

एलेसेंड्रो वोल्टा

एलेसेंड्रो वोल्टा और उनकी “वोल्टिक पाइल”: एक अनसुना किस्सा

Discovery of Electricity: एलेसेंड्रो वोल्टा, 18वीं शताब्दी के इटालियन वैज्ञानिक, जिन्हें “वोल्टिक पाइल” के आविष्कारक के रूप में जाना जाता है, उन्होंने विद्युत ऊर्जा की दुनिया को बदल दिया।

एक गलत धारणा का जन्म: Discovery of Electricity

1792 में, वोल्टा ने “गैल्वनिज़्म” नामक एक प्राकृतिक घटना का अध्ययन करना शुरू किया। यह घटना मृत जानवरों की मांसपेशियों में विद्युत आवेगों के कारण होने वाले संकुचन को दर्शाती थी।

वोल्टा ने गलती से सोचा कि यह विद्युत प्रभाव जानवरों के शरीर से उत्पन्न होता है।

सच्चाई का पता लगाना:

कुछ समय बाद, वोल्टा ने महसूस किया कि यह विद्युत प्रभाव दो धातुओं के संपर्क में आने से उत्पन्न होता है। उन्होंने विभिन्न धातुओं के जोड़े का परीक्षण करके यह पता लगाया कि कुछ जोड़े दूसरों की तुलना में अधिक विद्युत प्रवाह उत्पन्न करते हैं।

वोल्टिक पाइल का जन्म:

1800 में, वोल्टा ने “वोल्टिक पाइल” का आविष्कार किया, जो धातु की डिस्क की वैकल्पिक परतों से बना एक उपकरण था, जिन्हें “इलेक्ट्रोड” कहा जाता था, जो कागज या कार्डबोर्ड की परतों से अलग किए गए थे। जब इलेक्ट्रोड को एक दूसरे से जोड़ा जाता था, तो वे विद्युत प्रवाह उत्पन्न करते थे।

एक शानदार प्रदर्शन:

वोल्टा ने अपनी वोल्टिक पाइल का प्रदर्शन नेपोलियन बोनापार्ट सहित वैज्ञानिकों और गणमान्य व्यक्तियों के सामने किया। दर्शक विद्युत प्रवाह के शानदार प्रदर्शनों से चकित थे, जिसमें चमकते हुए तार, पानी का विघटन और मांसपेशियों का संकुचन शामिल था।

वोल्टिक पाइल का प्रभाव:

वोल्टिक पाइल ने विद्युत ऊर्जा के अध्ययन में क्रांति ला दी। वैज्ञानिकों ने अब विद्युत प्रवाह का एक स्थिर और नियंत्रित स्रोत प्राप्त किया था, जिससे उन्हें विद्युत घटनाओं का अध्ययन करने और विभिन्न विद्युत उपकरणों का विकास करने में मदद मिली।

एक अनसुना किस्सा:

Discovery of Electricity: वोल्टा के वोल्टिक पाइल से जुड़ा एक अनसुना किस्सा यह है कि उन्होंने अपनी खोज का उपयोग दर्द से राहत पाने के लिए किया था। उन्होंने गठिया से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए वोल्टिक पाइल का उपयोग किया, यह मानते हुए कि विद्युत प्रवाह मांसपेशियों को उत्तेजित कर सकता है और दर्द को कम कर सकता है।

20वीं और 21वीं शताब्दी शताब्दी:

Discovery of Electricity: 20वीं और 21वीं शताब्दी में, बिजली का उपयोग और भी अधिक विस्तृत हो गया, जिसने औद्योगिक क्रांति को आगे बढ़ाया, संचार और मनोरंजन को बदल दिया, और हमारे जीवन के स्तर को ऊंचा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यह कहना गलत होगा कि बिजली की खोज किसी एक वैज्ञानिक ने की थी। यह वैज्ञानिकों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम था जिन्होंने सदियों से इस रहस्यमय शक्ति को समझने और उसका उपयोग करने के लिए काम किया।

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