Article 370 भारतीय संविधान का एक अस्थायी प्रावधान था जो जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करता था। यह अनुच्छेद 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था और इसे 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया था।
Article 370 मुक्त
इतिहास:
जम्मू और कश्मीर के लिए विशेष दर्जे की मांग 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद शुरू हुई थी। उस समय, जम्मू और कश्मीर के शासक महाराजा हरि सिंह एक स्वतंत्र राज्य चाहते थे।
भारत सरकार ने महाराजा हरि सिंह को भारत में शामिल होने के लिए मना लिया, लेकिन उन्होंने विशेष दर्जे की मांग की। भारत सरकार ने उनकी मांग को स्वीकार कर लिया और Article 370 को संविधान में शामिल किया गया।
Article 370 के तहत, जम्मू और कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों की तुलना में अधिक स्वायत्तता प्राप्त थी। राज्य का अपना संविधान, विधानसभा और ध्वज था। भारत सरकार को राज्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं था।
Article 370 के बाद बदलाव:
- इसने जम्मू और कश्मीर को अपनी संस्कृति और पहचान को बनाए रखने में मदद की।
- इसने राज्य को भारत के अन्य राज्यों की तुलना में अधिक स्वायत्तता प्रदान की।
- इसने राज्य में शांति और स्थिरता बनाए रखने में मदद की।
5 अगस्त 2019 को, भारत सरकार ने Article 370 और Article 35A को निरस्त कर दिया। सरकार ने कहा कि यह कदम जम्मू और कश्मीर में विकास और समृद्धि लाएगा।
निरस्तीकरण के बाद, जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया:
- जम्मू और कश्मीर
- लद्दाख
Article 370 भारतीय संविधान में अस्थायी प्रावधान:
भारतीय संविधान में कुछ ऐसे प्रावधान हैं जो अस्थायी होते हैं, जिन्हें कुछ समय बाद समाप्त कर दिया जाता है। इन प्रावधानों को “अस्थायी प्रावधान” कहा जाता है।
यह भी पढ़े👇
Apple Company 1976 : कंपनी की शुरुआत और अध्यात्मिक प्रेरणा
अस्थायी प्रावधानों के कुछ उदाहरण:
- अनुच्छेद 370: यह अनुच्छेद जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करता था। इसे 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया था।
- अनुच्छेद 35A: यह अनुच्छेद जम्मू और कश्मीर राज्य विधानसभा को राज्य के स्थायी निवासियों और उनके विशेष अधिकारों और विशेषाधिकारों को परिभाषित करने का अधिकार देता था। इसे 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया था।
- अनुच्छेद 371: यह अनुच्छेद महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों में कुछ क्षेत्रों को विशेष दर्जा प्रदान करता है।
- अनुच्छेद 371A: यह अनुच्छेद असम राज्य में कुछ क्षेत्रों को विशेष दर्जा प्रदान करता है।
- अनुच्छेद 371B: यह अनुच्छेद नागालैंड राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करता है।
- अनुच्छेद 371C: यह अनुच्छेद मणिपुर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करता है।
- अनुच्छेद 371D: यह अनुच्छेद आंध्र प्रदेश राज्य में कुछ क्षेत्रों को विशेष दर्जा प्रदान करता है।
- अनुच्छेद 371F: यह अनुच्छेद सिक्किम राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करता है।
अस्थायी प्रावधानों को कैसे समाप्त किया जा सकता है:
अस्थायी प्रावधानों को संसद द्वारा संविधान में संशोधन करके समाप्त किया जा सकता है। संविधान में संशोधन करने के लिए, संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
Article 370 के निरस्तीकरण के बाद जम्मू और कश्मीर में परिवर्तन:
5 अगस्त 2019 को भारत सरकार द्वारा Article 370 और 35A को निरस्त करने के बाद जम्मू और कश्मीर में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं।
राजनीतिक परिवर्तन:
- जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया:
- जम्मू और कश्मीर
- लद्दाख
- जम्मू और कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया गया।
- जम्मू और कश्मीर में केंद्र शासित प्रदेश विधानसभा चुनाव हुए।
- जम्मू और कश्मीर में राजनीतिक दलों की गतिविधियों में वृद्धि हुई है।
आर्थिक परिवर्तन:
- जम्मू और कश्मीर में निवेश में वृद्धि हुई है।
- जम्मू और कश्मीर में पर्यटन में वृद्धि हुई है।
- जम्मू और कश्मीर में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है।
- जम्मू और कश्मीर में बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है।
सामाजिक परिवर्तन:
- जम्मू और कश्मीर में महिलाओं के अधिकारों में सुधार हुआ है।
- जम्मू और कश्मीर में शिक्षा में सुधार हुआ है।
- जम्मू और कश्मीर में स्वास्थ्य सेवा में सुधार हुआ है।
- जम्मू और कश्मीर में विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारा बढ़ा है।
सुरक्षा परिवर्तन:
- जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद में कमी आई है।
- जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती में कमी आई है।
- जम्मू और कश्मीर में आम लोगों की सुरक्षा में सुधार हुआ है।
जम्मू और कश्मीर का इतिहास:
जम्मू और कश्मीर का इतिहास 5,000 वर्षों से अधिक पुराना है। इस क्षेत्र में कई प्राचीन सभ्यताएं और साम्राज्यों का शासन रहा है।
प्राचीन इतिहास:
- सिंधु घाटी सभ्यता (3300-1300 ईसा पूर्व) के अवशेष जम्मू और कश्मीर में पाए गए हैं।
- मौर्य साम्राज्य (322-185 ईसा पूर्व) का जम्मू और कश्मीर पर शासन था।
- कुषाण साम्राज्य (30-375 ईस्वी) का जम्मू और कश्मीर पर शासन था।
- गुप्त साम्राज्य (320-550 ईस्वी) का जम्मू और कश्मीर पर शासन था।
मध्ययुगीन इतिहास:
- कश्मीर में कई राजवंशों का शासन रहा, जिनमें शामिल हैं:
- कार्कोटा (625-855 ईस्वी)
- उtpala (855-939 ईस्वी)
- लोहरा (1003-1320 ईस्वी)
- चक्र (1320-1586 ईस्वी)
- जम्मू में कई राजवंशों का शासन रहा, जिनमें शामिल हैं:
- डोगरा (1346-1947 ईस्वी)
- चंदेल (800-1200 ईस्वी)
आधुनिक इतिहास:
- 1846 में, जम्मू और कश्मीर को सिख साम्राज्य द्वारा जीत लिया गया था।
- 1849 में, सिख साम्राज्य को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा हरा दिया गया था।
- 1846 से 1947 तक, जम्मू और कश्मीर एक ब्रिटिश रियासत था।
- 1947 में, भारत और पाकिस्तान की स्वतंत्रता के बाद, जम्मू और कश्मीर के शासक महाराजा हरि सिंह ने एक स्वतंत्र राज्य बनाने का फैसला किया।
- भारत और पाकिस्तान दोनों ने जम्मू और कश्मीर पर अपना दावा किया।
- 1948 में, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ।
- युद्ध के बाद, जम्मू और कश्मीर को दो भागों में विभाजित किया गया:
- भारत का जम्मू और कश्मीर
- पाकिस्तान का जम्मू और कश्मीर (आजाद कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान)
आज:
- जम्मू और कश्मीर भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है।
- जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद एक बड़ी समस्या है। लेकिन Article 370 के खत्म होने के बाद आतंकवाद में काफी कमी आई है
- भारत सरकार जम्मू और कश्मीर में शांति और विकास लाने के लिए प्रयास कर रही है।