लालकोट किला : दिल्ली का पहला किला जिसे लाल कोट किला कहां जाता है| यह किला पृथ्वीराज चौहान के नाना राजा अनंगपाल ने बनवाया था| यह किला दिल्ली के प्राचीनतम किलो में से गिना जाता है| यह किला लाल किले से अलग जगह पर स्थित था और अब यह खंडहर में है। कुछ लोग मानते हैं कि लाल किला लाल कोट के ऊपर बनाया गया था, लेकिन इसके लिए कोई पुरातात्विक प्रमाण नहीं है।

लालकोट किला

लालकोट किला

किले का निर्माण :

पृथ्वीराज चौहान के नाना, राजा अनंगपाल तोमर ने दिल्ली में लाल कोट नाम का एक किला बनवाया था। यह किला 11वीं शताब्दी में बनाया गया था और यह दिल्ली में सबसे पुराने किलों में से एक था। यह किला लाल बलुआ पत्थर से बना था और इसमें कई भव्य इमारतें थीं। लाल कोट किला वर्तमान में दिल्ली के महरौली क्षेत्र में स्थित है। यह किला अब खंडहर में है, लेकिन इसकी कुछ दीवारें और इमारतें अभी भी मौजूद हैं।

महत्वपूर्ण स्तंभ : लालकोट किला

इनमें से कुछ इमारतें हैं:

  • लौह स्तंभ: यह एक विशाल लोहे का स्तंभ है जो 16 मीटर ऊँचा है।
  • कुतुब मीनार: यह एक ऊँची मीनार है जो लाल कोट किले के अंदर बनी थी।
  • अलाई दरवाजा: यह एक विशाल दरवाजा है जो लाल कोट किले के प्रवेश द्वार पर बना था।

लाल कोट किला दिल्ली के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

यह किला कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह रहा है, जैसे कि पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गौरी के बीच युद्ध।

यह किला आज भी पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय आकर्षण है।

निर्माण सामग्री : लालकोट किला

लालकोट किला, जिसे पुराना किला भी कहा जाता है, दिल्ली में स्थित एक प्राचीन किला था। यह लगभग 1.5 वर्ग किलोमीटर (370 एकड़) के क्षेत्र में फैला हुआ था।

यह किला लाल बलुआ पत्थर और ईंटों से बना था और इसमें कई भव्य इमारतें थीं।

राजा अनंगपाल तोमर ने 11वीं शताब्दी में इस किले का निर्माण करवाया था।

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किले के कुछ मुख्य भाग थे :
  • दिल्ली दरवाजा: यह किले का मुख्य प्रवेश द्वार था।
  • क़िला राय पिथौरा: यह किले का सबसे पुराना हिस्सा था।
  • जहाज़ महल: यह एक विशाल महल था जो जहाज के आकार का था।
  • लाहौरी दरवाजा: यह किले का उत्तरी द्वार था।
  • खिड़की मस्जिद: यह किले के अंदर स्थित एक मस्जिद थी।
किले का विस्तार :

लालकोट किला दिल्ली का सबसे महत्वपूर्ण किला था। यह कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह रहा है, जैसे कि पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गौरी के बीच युद्ध। यह किला 13वीं शताब्दी में मुहम्मद गौरी के नेतृत्व में तुर्कों द्वारा जीत लिया गया था। तुर्कों ने किले का विस्तार किया और इसमें कई नई इमारतें बनवाईं। 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह शाहजहां ने लालकोट किले के पास एक नया किला बनवाया, जिसे लाल किला कहा जाता है।

लाल किला बनने के बाद लालकोट किला का महत्व कम हो गया।

आज लालकोट किला खंडहर में है, लेकिन यह दिल्ली के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

किले के निर्माण : अतिरिक्त जानकारी

लालकोट किला : राजा अनंगपाल तोमर के किले निर्माण के बारे में कुछ अतिरिक्त जानकारी:

  • निर्माण सामग्री: लाल बलुआ पत्थर और ईंटें
  • निर्माण शैली: हिंदू और जैन स्थापत्य शैली का मिश्रण
  • किले की दीवारों की ऊंचाई: 10 मीटर
  • किले की दीवारों की चौड़ाई: 5 मीटर
  • किले में बुर्जों की संख्या: 50 से अधिक
राजा अनंगपाल तोमर: पृथ्वीराज चौहान के नाना
लालकोट किला

राजा अनंगपाल तोमर 11वीं शताब्दी में दिल्ली के तोमर राजवंश के शासक थे। वे पृथ्वीराज चौहान के नाना थे।

उनके शासनकाल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:

  • शासनकाल: 1052-1085 ईस्वी
  • उपलब्धियां:
    • दिल्ली की स्थापना
    • लौह स्तंभ का निर्माण
    • योगमाया मंदिर का निर्माण
    • अनंगताल बावली का निर्माण
    • तोमर साम्राज्य का विस्तार
  • उनकी मृत्यु के बाद:
    • उनके पुत्र तेजपाल तोमर सिंहासन पर बैठे
    • तोमर साम्राज्य धीरे-धीरे कमजोर हुआ
राजा अनंगपाल तोमर: रोचक तथ्य
  • उन्हें दिल्ली का संस्थापक माना जाता है।
  • उन्होंने लौह स्तंभ का निर्माण करवाया, जो आज भी दिल्ली में मौजूद है।
  • उन्होंने योगमाया मंदिर और अनंगताल बावली का भी निर्माण करवाया।
  • वे एक कुशल योद्धा और प्रशासक थे।
  • उन्होंने तोमर साम्राज्य का विस्तार किया।

राजा अनंगपाल तोमर एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व्यक्ति थे जिन्होंने दिल्ली और तोमर साम्राज्य के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

दिल्ली का इतिहास :

दिल्ली का इतिहास प्राचीन काल से शुरू होता है। यह शहर कई शक्तिशाली राजवंशों की राजधानी रहा है, जिनमें शामिल हैं:

  • मौर्य (322-185 ईसा पूर्व): मौर्य साम्राज्य के दौरान दिल्ली एक महत्वपूर्ण शहर था।
  • गुप्त (320-550 ईस्वी): गुप्त साम्राज्य के दौरान दिल्ली एक कला और संस्कृति का केंद्र बन गया।
  • तोमर (700-1100 ईस्वी): तोमर राजवंश ने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया और लौह स्तंभ का निर्माण करवाया।
  • चौहान (1100-1206 ईस्वी): चौहान राजवंश के दौरान दिल्ली एक शक्तिशाली साम्राज्य का केंद्र बन गया।
  • दिल्ली सल्तनत (1206-1526 ईस्वी): दिल्ली सल्तनत के दौरान दिल्ली एक महत्वपूर्ण मुस्लिम केंद्र बन गया।
  • मुगल साम्राज्य (1526-1857 ईस्वी): मुगल साम्राज्य के दौरान दिल्ली कला, संस्कृति और वास्तुकला का केंद्र बन गया।
  • ब्रिटिश शासन (1857-1947 ईस्वी): ब्रिटिश शासन के दौरान दिल्ली भारत की राजधानी बन गया।
दिल्ली के इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं :
  • 1192: पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गौरी के बीच तराइन की पहली लड़ाई
  • 1193: पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गौरी के बीच तराइन की दूसरी लड़ाई
  • 1206: दिल्ली सल्तनत की स्थापना
  • 1398: तैमूर का दिल्ली पर आक्रमण
  • 1526: पानीपत की पहली लड़ाई और मुगल साम्राज्य की स्थापना
  • 1638: शाहजहाँ द्वारा लाल किले का निर्माण
  • 1857: भारतीय विद्रोह
  • 1911: दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया
  • 1947: भारत की स्वतंत्रता
समापन :

लालकोट किला : राजा अनंगपाल तोमर, दिल्ली के प्राचीन इतिहास में एक महत्वपूर्ण राजा थे, जिनके शासनकाल में तोमर वंश का शासन उत्कृष्टता की ऊँचाइयों तक पहुँचा था। उनका नाम दिल्ली के साम्राज्यिक इतिहास में उन्नति और शक्ति का प्रतीक है।

लालकोट किले का निर्माण कई चरणों में हुआ था। राजा अनंगपाल तोमर ने किले की नींव रखी थी और बाद के शासकों ने इसमें कई नई इमारतें बनवाई थीं।

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