पश्चिम बंगाल: लोकसभा का रिजल्ट 4 जून को आया था । रिजल्ट आने के बाद पश्चिम बंगाल में अराजकता का माहौल बन गया । ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल वास्तव में के अराजक तत्वों का प्रदेश है । पश्चिम बंगाल में हिंसा होना आम बात हो गई है ।

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल: BJP कार्यकर्त्ता

पश्चिम बंगाल: हिंसा का राज्य

4 जून को लोकसभा इलेक्शन का रिजल्ट आने के बाद यहां पर कुछ अराजक तत्वों ने आगजनी की थी । बताया जाता है कि ममता बनर्जी पीछे से यह सब काम करवाती है नहीं तो आप सोच की कानून चाहे तो क्या नहीं कर सकता लेकिन कानून के हाथ ममता बनर्जी ने बंद रखे हैं और अराजक तत्वों को छूट दे रखी है । ममता बनर्जी नहीं चाहती कि बीजेपी को उनके राज्य में कोई भी वोट दे ।

यह होगी में एक बहुत गंभीर विषय है । जनता को अपने मत का अधिकार संविधान ने दिया हुआ है । कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्मीदवार को वोट दे सकता है इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता । लेकिन ममता बनर्जी अपने ही राज्य में हिंसा करवाती है और लोगों को डराती है धमकाती है ।

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पश्चिम बंगाल: जान से मारे जाने के कारण छुपने ओ मजबूर हुए कार्यकर्त्ता

4 जून को रिजल्ट आने के बाद लगभग 4000 भाजपा कार्यकर्ता , भाजपा कार्यालय में छुपाने को मजबूर हुए । भाजपा कार्यकर्ताओं ने बताया कि ममता बनर्जी ने हम लोगों को मारने के लिए गुंडे भेजे हैं जो कि टीएमसी के कार्यकरता थे और अराजक तत्व थे ।

लोकतंत्र की दुहाई देने वाली ममता बनर्जी जब खुद लोकतंत्र को खत्म करती है तो वह अपने आप को सही मानती है । ममता बनर्जी संविधान को भी मानने से इंकार करती है तो फिर किस आधार पर वह लोकतंत्र की दवाई देता है ? आखिर ममता बनर्जी की मानसिकता क्या है ?

पश्चिम बंगाल: बेखोफ गुंडे

भाजपा के कई कार्य कर्ताओं को टीएमसी के गुंडो ने मार दिया और यह कोई नई बात नहीं है । पश्चिम बंगाल में मौत बहुत सस्ती हो गई है । वहां पर आसानी से कोई किसी को भी मार देता है ।
पश्चिम बंगाल में गुंडो को सरकार द्वारा संरक्षण दिया जाता है ।

वहां पर सरकार के खिलाफ कोई आवाज उठाता है तो उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है । सरकार मतलब ममता बनर्जी । इसको बोलने में किसी को कोई संकोच नहीं होना चाहिए । हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी इस बाबत कई टिप्पणी कर चुका है ।

चुनाव बाद हिंसा के आरोपों के बीच, पश्चिम बंगाल में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने चुनाव के बाद अपने घर और गाँव छोड़ दिए हैं, और कई लोगों के लिए, यह पहली बार नहीं है – उन्होंने 2021 के विधानसभा चुनावों और 2023 की पंचायत के बाद भी ऐसा ही किया।

पश्चिम बंगाल: हाई कोर्ट का निर्देश

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस को चुनाव बाद हिंसा के पीड़ितों के लिए अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए एक नई ईमेल आईडी खोलने का निर्देश दिया।

पश्चिम बंगाल: 4 जून के बाद क्या हुआ ?

बारुईपुर पार्टी कार्यालय में, हलदर और अन्य लोग शुक्रवार को एक हॉल में एकत्रित होकर टीवी देख रहे थे, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली से भाषण दे रहे थे। हॉल में मोदी, अमित शाह और भाजपा के जादवपुर उम्मीदवार अनिर्बान गांगुली के बड़े कटआउट लगे थे। जादवपुर सीट पर टीएमसी की सायोनी घोष ने गांगुली को 2,58,201 वोटों से हराया।

मुझे 2021 में विधानसभा चुनावों के बाद और फिर पिछले साल पंचायत चुनावों के बाद घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। मैं इस साल अप्रैल में घर वापस आने में सक्षम था, लेकिन अब एक बार फिर, मैं बेघर हूं, ”हल्डर ने कहा, जो एक मजदूर के रूप में काम करता है।

किस वजह से उन्हें घर छोड़ना पड़ा, इस पर उन्होंने कहा, ”मुझे और मेरे गांव के अन्य कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव से पहले धमकियां मिलीं, लेकिन मैंने फिर भी पार्टी के लिए काम किया। हालाँकि, 2 जून को, आखिरी चरण के मतदान के बाद, मैं घर से निकल गया। बाद में मैंने सुना कि मेरे घर में तोड़फोड़ की गई है।”


हलदर के बगल में बैठी, 36 वर्षीय मामोनी दास ने कहा कि वह 2016 से ऐसा कर रही हैं। “2016 के विधानसभा चुनावों के बाद, स्थानीय टीएमसी नेताओं ने मुझे माथेरदिघी गांव दक्षिण 24 परगना जिले में में मेरे मूल घर से बाहर कर दिया। तब मैं सहापारा और बाद में काठपोल में किराए के मकानों में रहता था, लेकिन फिर भी हमें धमकियां मिलती रहीं |

पश्चिम बंगाल: घर में तोड़फोड़ की और मारा !

“1 जून को, मैं अपने गांव वापस गया और मतदान किया। 4 जून की रात 50 से ज्यादा गुंडों ने मेरे घर को घेर लिया. मैंने खुद को छुपाया, लेकिन गुंडों ने मेरे पति और मेरी मां को पीटा – दोनों घायल हो गए। अगले दिन तड़के हम फिर घर से निकले और मैं उन दोनों को अस्पताल ले गया। तब से, यह पार्टी कार्यालय हमारा घर रहा है, ”उसने कहा। वह अब अपने पति और मां दोनों के साथ पार्टी कार्यालय में रहती हैं।

जादवपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत विद्याधरी पल्ली में ई-रिक्शा चालक के रूप में काम करने वाले विकास रॉय (38) ने कहा कि कथित तौर पर टीएमसी समर्थित गुंडों द्वारा उनका ई-रिक्शा छीन लिए जाने के बाद वह भाग गए।

“चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद, हमें फिर से एहसास हुआ कि टीएमसी हमारे घरों पर हमला करेगी… वे मेरे घर आए और हमें धमकी दी। उन्होंने ताला तोड़ दिया और मेरा टोटो (ई-रिक्शा) ले गये. अब मैं जीविकोपार्जन कैसे करूंगा? उस रात मैं घर छोड़कर यहां आ गया. मेरी पत्नी और बच्चे एक रिश्तेदार के घर पर हैं, ”रॉय ने कहा।

ऐसी कोई अनगिनत कहानी है जो पश्चिम बंगाल को असुरक्षित राज्य घोषित करता है । जहां पर कानून का राज नहीं है ! जहां पर कोई भी सुरक्षित नहीं है । जहां पर कुछ भी हो सकता है । पश्चिम बंगाल आज भी अपनी तमाम हिंसा और संविधान की धज्जियां उड़ाने वाला कलंक राज्य में गिना जाता है ।

पश्चिम बंगाल: ममता द्वारा रोहिग्या और बांग्लादेश के समुदाय, असामाजिक तत्वों को शरण देना !

ममता बनर्जी सरकार द्वारा बांग्लादेश के रोहिग्या मुसलमान को कई समय से शरण दिया जा रहा है ! ममता बनर्जी पर आरोप है कि वह अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए बांग्लादेश से और असामाजिक तत्वों का फर्जी वोटर कार्ड बनवाकर चुनाव में वोट बढ़ाने के लिए रोहिग्या मुसलमान जो कि बांग्लादेश के हैं उन घुसपेठियो का ममता बनर्जी अपने वोट के लिए उपयोग करती है ! इन असामाजिक तत्वों के द्वारा पश्चिम बंगाल हिंसा की आग में झुलसता जा रहा है ।

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