तुलसी पूजन दिवस: भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में वृक्षों को पूजा जाता है और उन्हें देवता की संजीवनी माना गया है। इसी तालाब में बढ़े हुए पारिजात वृक्ष को भी भगवान कृष्ण के संग जोड़ा जाता है। ऐसे ही एक विशेष वृक्ष की पूजा हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी को तुलसी पूजन दिवस के रूप में की जाती है। यह पर्व हिन्दू धर्म में विशेष महत्वपूर्णता रखता है और लोग इसे भक्ति और श्रद्धाभाव से मनाते हैं।
तुलसी पूजन दिवस
परिचय:
तुलसी पूजन दिवस, जिसे देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, भगवान विष्णु और देवी तुलसी के पूजन का एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह त्योहार कार्तिक महीने (अक्टूबर-नवंबर) के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है।
तुलसी का महत्व:
तुलसी को अनेक धार्मिक और चिकित्सीय गुणों के कारण पूजा जाता है। इसे अमृतवनी भी कहा जाता है, और इसके पत्तियां, फूल और बीज धार्मिक और चिकित्सीय उपयोग में लाभकारी हैं। तुलसी की पूजा से घर को शुभ और सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ महसूस होता है।
तुलसी पूजन का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह त्योहार भगवान विष्णु की चार महीने की निद्रा (शयन) के अंत का प्रतीक है। इस दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर से जागते हैं और देवी तुलसी का विवाह करते हैं।
तुलसी पूजन दिवस की कथा:
तुलसी पूजन की कई कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, देवी तुलसी भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मी का अवतार थीं। लक्ष्मी जी ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने लक्ष्मी जी को वरदान दिया कि वे भगवान विष्णु की पत्नी बनेंगी।
एक अन्य कथा के अनुसार, तुलसी एक राजकुमारी थीं। उन्होंने भगवान विष्णु की पूजा की और उनसे विवाह करने की इच्छा व्यक्त की। भगवान विष्णु ने तुलसी की इच्छा स्वीकार कर ली और देवोत्थान एकादशी के दिन उनसे विवाह किया।
रीति-रिवाज:
तुलसी पूजन दिवस के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद घर में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। तुलसी के पौधे को दीप, जल, फूल, फल, मिठाई आदि अर्पित किए जाते हैं। तुलसी की आरती भी की जाती है।
इस दिन भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है। भगवान विष्णु को शंख, चक्र, गदा और पद्म अर्पित किए जाते हैं। भगवान विष्णु की आरती भी की जाती है।
तुलसी पूजन दिवस का महत्व:
तुलसी पूजन दिवस का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह त्योहार भगवान विष्णु और देवी तुलसी के प्रति भक्ति और आस्था का प्रतीक है। इस दिन तुलसी और भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
तुलसी पूजन पर, लोग अपने घरों में एक विशेष स्थान पर तुलसी का पौधा रखते हैं और इसे सजाकर पूजा करते हैं। धूप, दीप, फल, फूल और नैवेद्यों के साथ इस पौधे की पूजा की जाती है। भक्तों का मानना है कि इस दिन तुलसी माता अपने भक्तों की प्रार्थनाएं सुनती हैं और उन्हें अपने आसीन पर बुलाती हैं।
कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:
- देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।
- इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं।
- देवोत्थान एकादशी के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
तुलसी पूजन दिवस का महत्व:
तुलसी पूजन दिवस विशेषकर महिलाओं के बीच बहुत आदर्श और प्रेरणास्त्रोत बना है, क्योंकि इस दिन महिलाएं तुलसी माता का विशेष रूप से भक्ति और पूजन करती हैं और घर को शुभारंभ का वातावरण मिलता है।
तुलसी पूजन दिवस में उत्सव:
तुलसी पूजन को लोग उत्साह, भक्ति, और आत्मा की शांति के साथ मनाते हैं। सुबह से ही घरों में सजीव तुलसी पौधे की सजाकर पूजा की जाती है और लोग उन्हें गाने, आरती, और विशेष भजनों के साथ समर्पित करते हैं।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, तुलसी को भगवान कृष्ण की पत्नी के रूप में माना जाता है, और इसलिए उसके पौधे की पूजा से गृहस्थों को धन, समृद्धि, और परिवार के साथ हमेशा सुखी जीवन की कामना की जाती है।
पूजन दिवस में उत्सव:
तुलसी पूजन दिवस के दिन न केवल देवी तुलसी की पूजा की जाती है, बल्कि तुलसी के पौधे का भी विशेष महत्व है। तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इसे घर में रखने से कई लाभ होते हैं।
तुलसी के पौधे के लाभ:
- तुलसी का पौधा वातावरण को शुद्ध करता है।
- तुलसी के पौधे में औषधीय गुण होते हैं।
- तुलसी का पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
- तुलसी का पौधा बुरी आत्माओं को दूर रखता है।
तुलसी के पौधे की देखभाल:
तुलसी के पौधे की देखभाल करना बहुत आसान है। इसे नियमित रूप से पानी देना चाहिए। तुलसी के पौधे को धूप में रखना चाहिए। तुलसी के पौधे को कीटों से बचाना चाहिए।
तुलसी पूजन दिवस के दिन कुछ विशेष उपाय:
- इस दिन तुलसी के पौधे को स्नान करवाना चाहिए।
- तुलसी के पौधे को दीप, जल, फूल, फल, मिठाई आदि अर्पित किए जाते हैं।
- तुलसी की आरती भी की जाती है।
- इस दिन तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाना चाहिए।
- इस दिन तुलसी के पौधे की मिट्टी में गंगाजल मिलाना चाहिए।
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तुलसी पूजन दिवस का समापन:
तुलसी पूजन का समापन विशेष रूप से गर्भगृह में होता है, जहां लोग तुलसी माता की कृपा और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दिन को भगवान विष्णु की पूजा भी विशेष रूप से की जाती है, क्योंकि तुलसी माता को विष्णु की पत्नी माना जाता है।
इस तरह, तुलसी पूजन दिवस समृद्धि, शांति, और धार्मिकता की भावना के साथ बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी वर्गों के लोगों के बीच एक अद्भुत और सांस्कृतिक उत्सव की भूमिका निभाता है।